सज़ा पूरी होने पर निर्दोष साबित हुए
दोस्तों हम अकसर सुनते हैं की किसी बेगुनाह को सज़ा नहीं होनी चाहिए भले ही 10 गुनहगार छूट जाएँ। लेकिन क्या इन बातों के असल ज़िंदगी में कोई मायने हैं, या ये केवल किताबी भाषा है? आज हम बताएँगे कुछ ऐसे लोगों के बारे में जिनहोने निर्दोष होते हुए भी अपने ज़िंदगी के तमाम साल खुद को निर्दोष साबित करने में सलाखों के पीछे बिता दिये।
कर्स्टन लोवेटो Kristin Lobato
18 वर्षीय Kristin को एक कत्ल के आरोप में 100 वर्षों कि सज़ा सुनाई गयी। Kristin अपने दोस्तों के साथ पार्टी में गयी थी जहां एक आदमी उसे परेशान करने लगा। अपने बचाव में Kristin ने उस व्यक्ति पर चाकू से हमला किया और घबराकर वहाँ से भाग गयी। Kristin के एक दोस्त ने इस घटना कि जानकारी पुलिस को दी और Kristin को गिरफ्तार कर लिया गया। अचानक वह व्यक्ति सामने आया जो कभी मरा ही नहीं था और Kristin को रिहा कर दिया गया। लेकिन उसकी ज़िंदगी के 16 साल सलाखों के पीछे दम घोंट चुके थे।
क्वामे अजमु Kwame Ajamu
29 वर्षीय Kwame को 1975 में एक salesman कि हत्या के आरोप में 100 साल क़ैद कि सज़ा सुनाई गयी। Kwame के खिलाफ कोई सुबूत और चश्मदीद तो नहीं था, लेकिन कुछ लोगों ने Kwame को उस स्टोर में जाते हुए देखा था। Kwame ने माना कि वे स्टोर में गए थे लेकिन वह व्यक्ति पहले ही मरा हुआ था। Kwame घबराकर वहाँ से भाग गए और यही उनकी गलती थी, कि उन्होने पुलिस को फोन नहीं किया। पूरे 27 वर्ष लग गए Kwame को अपनी बेगुनाही साबित करने में और 2002 में 10 लाख डॉलर मुआवजा देकर उन्हे रिहा किया गया।
लॉरेंस मैकिनी Lawrence McKinney
1978 में लॉरेंस को एक चोरी के आरोप में गिरफ्तार किया गया और साथ ही चोरी वाले घर में एक महिला के बलात्कार का भी आरोप उनपर लगा। Lawrence को उम्रक़ैद की सज़ा सुनाई गयी। 31 सालों बाद एक गंभीर बीमारी के चलते उनके कुछ टेस्ट के रिज़ल्ट सामने तो केस दोबारा खोला गया। Lawrence निर्दोष साबित हुए लेकिन उन्होने मानहानि का केस कर दिया जिसके बदले उन्हे 10 लाख डॉलर अदा किए गए।
रिचर्ड फिलिप्स Richard Phillips
Richard को अपने साले के कत्ल का दोषी ठहराया गया और उसे 100 साल कि कैद हुई। 27 वर्षीय Richard अपनी बेगुनाही तब तो साबित नहीं कर सका, लेकिन बार-बार अपील करता रहा और उसने हार नहीं मानी। Richard की अपील पर पुलिस जांच में लगी रही और आखिरकार असली हत्यारा पकड़ा गया। लेकिन तब तक Richard के जीवन के 45 साल सलाखों के पीछे बीत चुके थे।
जॉन बन John Bunn
John, मात्र 17 वर्ष के थे जब उन्हे एक Off-Duty ऑफिसर के कत्ल के आरोप में गिरफ्तार किया गया। 1991 कि सुबह 4 बजे दो Off-Duty ऑफिसर अपनी कार में थे जब दो लड़कों ने चोरी के इरादे से उनपर गोली चला दी। एक ऑफिसर तो बच निकला लेकिन दूसरे को 5 गोलियां लगी और वह मर गया। John और एक दूसरे 17 वर्षीय लड़के को शक के बिनाह पर गिरफ्तार किया गया जिनकी पहचान उस दूसरे ऑफिसर ने की। उन दोनों को चोरी और हत्या के आरोप में उम्रक़ैद की सज़ा मिली। John को 27 साल लग गए खुद को निर्दोष साबित करने में।
दोस्तों क्या आपको भी लगता है कि कानून व्यवस्था पर अभी और काम करने कि ज़रूरत है जिससे किसी बेगुनाह कि ज़िंदगी बर्बाद न हो? आप अपने सुझाव कमेंट बॉक्स में दे सकते हैं