देश में कोरोना वायरस का प्रकोप दिनों दिन और बढ़ता ही जा रहा है। कोरोना मामलों की संख्या अब 500 के पार हो गई है, जबकि 10 लोगों की जान जा चुकी है। इस महामारी से निपटने के लिए 32 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने 31 मार्च तक पूर्ण लॉकडाउन की घोषणा की है। इसके साथ ही कई राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से जरूरत वाले क्षेत्रों में कर्फ्यू भी लगा दिया गया है।
कोरोना के मरीजों के इलाज के लिए और देश के स्वास्थ्य सेवा को और मजबूत बनाने के लिए केंद्र सरकार ने 15 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इसका उपयोग जांच सुविधाओं को बढ़ाने, अस्पतालों में आइसोलेशन बेड बढ़ाने, आईसीयू में बेड की संख्या बढ़ाने, वेंटिलेटर की संख्या बढ़ाने के लिए होगा। यही नहीं, मेडिकल और पैरा मेडिकल कर्मचारियों की ट्रेनिंग का काम भी किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र संबोधन के दौरान दो बार हाथ जोड़कर अपील की और कहा कि कोरोना वैश्विक महामारी से बनी स्थितियों के बीच, केंद्र और देशभर की राज्य सरकारें तेजी से काम कर रही है। रोजमर्रा की जिंदगी में लोगों को असुविधा न हो, इसके लिए निरंतर कोशिश कर रही हैं।
वही वैश्विक महामारी कोरोनावायरस देश के 23 राज्यों में फैल चुका है। कोरोनावायरस से निपटने के लिए दिल्ली में लॉकडाउन लगा दिया गया है। दिल्ली सरकार ने राज्य में पांच से ज्यादा लोगों की भीड़ जमा न करने की अपील की है। इस बीच नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ शाहीन बाग में 15 दिसंबर से जारी प्रदर्शन को खत्म कर दिया है। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को मंगलवार को वहां से हटाया और कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है। इससे पहले सोमवार को दिल्ली के शाहीन बाग में पंडाल खाली मिले और यहां इक्का-दुक्का लोग ही नजर आए थे।
दिल्ली दक्षिण पूर्व के डीसीपी आरपी मीणा ने मंगलवार को कहा कि यहां लॉकडाउन के बावजूद लोग सीएए के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। पुलिस ने पहले प्रदर्शनकारियों से हटने के लिए कहा।इसके बाद भी जब वे नहीं माने तो पुलिस ने कार्रवाई की। कुछ लोगों को गैर कानूनी ढंग से जुटने के लिए हिरासत में ले लिया गया।