कोरोना वायरस
कोरोना वायरस – चीन से फैले कोरोना वायरस ने भारत समेत दुनियाभर के कई देशों में हाहाकार मचा दिया है। यह वायरस भारत, अमेरिका, तिब्बत, थाइलैंड, जापान और मंगोलिया में लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है। मुंबई के बाद राजस्थान और बिहार में भी कोरोना वायरस ने दस्तक दे दी है। बिहार में इस वायरस से संक्रमित मरीज मिला है। चीन से लौटी एक लड़की में कोरोना वायरस के लक्षण मिले हैं, जिसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
जयपुर में भी चीन से लौटे एक स्टूडेंट में कोरोना वायरस के लक्षण मिले थे, जिसका इलाज चल रहा है। इस खतरनाक वायरस की वजह से चीन में 50 लोगों की मौत हो चुकी है और 2,744 Infected Patients की पुष्टि हुई है। इनमें से 461 मरीजों की हालत बेहद गंभीर बनी हुई है। ताजा मामलों में यूएस में एक, थाईलैंड में दो और जापान में एक मामला सामने आया है। यूएस वाले मामले में स्वास्थ्य अधिकारियों ने जानकारी दी है कि यह शख्स चीन के वुहान से अमेरिका आया है।
कोरोना का इतिहास क्या है इसपर थोड़ा नज़र डाल लेते हैं
कोरोना वायरस कई किस्म के होते हैं लेकिन इनमें से छह को ही लोगों को संक्रमित करने के लिए जाना जाता था। मगर नए वायरस का पता लगने के बाद यह संख्या बढकर सात हो जाएगी।
कोरोना वायरस से पीड़ित व्यक्ति में SARS यानि सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम के लक्षण पाए गए हैं, कोरोना के बारे में आपको बता दें कि ह्यूमन कोरोना वायरस की पहचान पहली बार 1960 के दशक में आम सर्दी के रोगियों की नाक में हुई थी। मनुष्यों के बीच कोरोना वायरस इंफेक्शन अक्सर सर्दियों के महीनों के साथ-साथ और शुरुआती वसंत के दौरान होती है। यही नहीं कोरोना वायरस के कारण होने वाली सर्दी से बीमार व्यक्ति को लगभग चार महीने बाद यह Infection दोबारा हो सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि कोरोना वायरस एंटीबॉडी बहुत लंबे समय तक नहीं रहते हैं। कोरोना वायरस के विभिन्न प्रकारों में से एक (मेर्स) MERS जिसे Middle East Respiratory Syndrome कहा जाता है उस दुर्लभ और खतरनाक श्रेणी में शुमार है, जिससे इन्फेक्टेड व्यक्ति को पहले (MERS) और फिर सरस यानि सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम की समस्या हो सकती है, जो SARS नामक घातक बीमारी के लिए जिम्मेदार हैं। यह पीड़ित की आंत तक को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसे ही MERS के रूप में जाना जाता है।
MERS का हमला पहली बार 2012 में मध्य पूर्व के देशों में देखा गया था। इससे सांस संबंधी समस्याएं होती हैं, लेकिन लक्षण बहुत अधिक गंभीर होते हैं। उस समय MERS से संक्रमित हर 10 में से तीन से चार रोगियों की मृत्यु हो गई थी। पर इस बार डब्ल्यूएचओ के अनुसार, दक्षिणी चीन के गुआंगडोंग प्रांत में पहली बार इसकी पहचान की गई थी। यह भी सांस संबंधी समस्याओं का कारण बनता है, लेकिन इसके कारण दस्त, थकान, सांस की तकलीफ और Kidney Fail भी हो सकती है। रोगी की उम्र के आधार पर, सार्स के साथ मृत्यु दर 50% मामलों में थी।
क्या है कोरोना वायरस?
कोरोना वायरस एक तरह का संक्रमित होने वाला वायरस है। यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में संक्रमण के जरिए फैलता है। समुद्री जीव-जंतुओं के जरिए यह वायरस चीन के लोगों में फैला। दक्षिण चीन में समुद्र के आसपास रहने वाले लोगों को सबसे पहले इस वायरस ने चपेट में लिया, जिनमें वुहान शहर है। दक्षिण चीन के बाजार जहां काफी मात्रा में समुद्री जीव मिलते हैं, उनके जरिए यह वायरस लोगों में फैला। इस बाजार में समुद्री जीव जिंदा भी मिलते हैं विश्व स्वास्थ्य संगठन इस वायरस को लेकर लोगों को चेता चुका है। दुनिया के तमाम देशों में यह वायरस चीन से आने वाले यात्रियों के जरिए ही पहुंच रहा है। इस वायरस के लक्षण निमोनिया की ही तरह देखने को मिलते हैं।
चीन के फूड मार्केट की वजह से फैल रही हैं नई बीमारियां
कोरोना पर रिसर्च करने वाले विशेषज्ञ बताते हैं कि चीन से नई-नई बीमारियों के फैलने की एक वजह वहां का फूड मार्केट है। चीन के शहरों में फल-सब्जी से लेकर मीट के मार्केट फैले हुए हैं। खासकर चीन के मांस के मार्केट नई बीमारियों की जड़ बनते जा रहे हैं। चीन में कई तरह के जानवरों के मांस मिलते हैं। चीन के लोग सांप-छिपकली, सांपों, चमकादड़ों, और कुत्तों से लेकर सीफूड के नाम पर कई तरह के समुद्री जीवों का मांस खाते हैं। चीन के शहरों में मीट के मार्केट में ये सब खुलेआम मिलता है।
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चीन के शहरों की घनी आबादी और वहां के मीट के मार्केट की वजह से वहां से नई-नई बीमारियां पनप रही हैं। ऐसे में अभी पता नहीं चला है कि यह कोरोनो वायरस सांपों या चमकादड़ों में से किसके जरिए इंसानों में फैला है क्योंकि यह एक अलग तरह का कोरोनो वायरस है। शुरुआत में चीनी मीडिया ने बताया था कि यह बीमारी एक नए प्रकार के कोरोना वायरस के कारण फैली है। इससे पहले साल 2003 में SARAS या सार्स पूरे चीन में फैला था और विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के मुताबिक़ इससे साल 2003 में कुल 646 मौतें अकेले चीन में हुई थी।
चीन में सबसे पहले सिवीर एक्यूट रेस्परटॉरी सिंड्रोम (गंभीर श्वसन लक्षण) साल 2002 में फैला था। उस वक्त यहां से यह वायरस 37 देशों में फैला था और आठ हजार से ज्यादा लोग इसकी चपेट में आए थे और 750 से ज्यादा मौतें हुईं थी।
वुहान शहर को पूरी तरह सील किया
चूंकि कोरोना वायरस का कहर जारी है इसलिए वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए चीन के कई शहरों में आवाजाही पूरी तरह रोक दी गई है। वहीं, सबसे अधिक प्रभावित वुहान को पूरी तरह सील कर दिया गया है और अगले आदेश तक वुहान शहर में पूरी तरह से आवाजाही पर रोक लगा दी गई है। कोरोना वायरस से पीड़ित व्यक्ति को गंभीर तीव्र श्वसन सिंड्रोम (SARS)के लक्षण पाए गए हैं और यह पीड़ित की आंत तक को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
चीन ने कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए अभूतपूर्व कदम उठाते हुए वुहान सहित पांच शहरों को सील कर दिया। चीनी नए साल के पहले सड़कों पर भीड़भाड़ बढ़ने के मद्देनजर गाड़ियों, ट्रेनों, विमानों समेत आवागमन के विभिन्न माध्यमों को रोक दिया गया है। इन शहरों मे लगभग दो करोड़ लोग रहते हैं।