फतवा क्या है – अरबी भाषा का एक शब्द फतवा, जिसका मतलब राय होता है। इसे धर्म के जानकार लोग तब जारी करते हैं जब कोई अपना निजी मसला लेकर मुफ्ती के पास जाता है। इसे आलिम-ए-दीन की शरियत के मुताबिक जारी किया जाता है, लेकिन इन फतवों को लेकर सबसे खास बात यह होती है कि कोई भी इन फतवों को मानने के लिए कानूनी रूप से बाध्य नहीं होता है, वरना फतवा जारी करने वाले ना जाने क्या से क्या कर देते।
आज हम आपको उन्हीं फतवों की एक लंबी फेहरिस्त के बारे में बताने जा रहे हैं जिसको जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे। साथ ही सोच में पड़ जाएंगे कि आखिर धर्म के जानकार लोग, जिन्हें एक तरह से ज्ञानी माना जाता है वह ऐसे फतवे जारी करते वक्त क्या सोचते हैं जो इतने अजीबोगरीब फतवे जारी कर देते हैं। वैसे यह हमारी अपनी राय है। लोगों में भी इन्हें लेकर अपनी-अपनी राय हो सकती है।
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पहले ये जान लें कि फतवा है क्या…
इस्लाम से संबंधित किसी भी मुद्दे पर कुरान और हदीस के तहत जारी आदेश को फतवा कहा जाता है। पवित्र क़ुरआन के बाद, मुसलमानों के पास अल्लाह के रसूल मुहम्मद को बताने और सुनाने के लिए इस्लाम का दूसरा ग्रंथ है जिसे हम हदीस और सीरत के रूप में जानते हैं। फतवा केवल मुफ्ती जारी कर सकता है और मुफ्ती बनने के लिए शरिया कानून, कुरान और हदीस का अध्ययन करना आवश्यक है। यह ज्ञात नहीं है कि मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ कितने विवादास्पद फतवे आए हैं। तो आइए जानते हैं कुछ आश्चर्यजनक फतवे।
1. अपने ऑफिस सहयोगी के साथ ये करें महिलाएं
साल 2007 में मिस्र की अलअजहर यूनिवर्सिटी के डिपार्टमेंट ऑफ हदीस के हेड की ओर से अजीबोगरीब फतवा जारी किया गया था। उन्होंने कहा था कि जो महिलाएं ऑफिस में काम करती हैं। उन्हें अपने मेल कलीग्स को खुद का दूध पिलाना चाहिए। फतवे के अनुसार, मर्दों को अपनी छाती का दूध दिन में कम से कम पांच बार पिलाना चाहिए। इसके पीछे उनका मानना था कि ऑफिस में काम करने वाली महिलाएं अगर ऐसा करती हैं, तो उनके बीच मां–बेटे का रिश्ता कायम हो जाएगा। इस के चलते वे आपस में शारीरिक संबंध नहीं बनाएंगे।
2. महिलाएं केले और खीरे को ना छुएं
इंग्लैंड के एक मौलाना ने फतवा जारी करते हुए औरतों को सलाह दी थी कि उन्हें खीरा और केला नहीं छूना चाहिए। अपने फतवे की वजह से पूरी दुनिया में मजाक का कारण बन गए। मौलाना का मानना था कि उन को छूने से महिलाओं के मन में गंदे विचार आते हैं इसलिए इन फलों को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट कर ही महिलाओं को देना चाहिए।
3. फुटबॉल पर फतवा
सउदी के एक मुस्लिम धर्म गुरु ने साल 2005 में महिलाओं के फुटबॉल देखने पर एतराज जताते हुए फतवा जारी कर दिया। धर्मगुरु के मुताबिक महिलाएं सिर्फ पुरुषों की जांघों पर ध्यान देती हैं, उन्हें इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है कि कौन मैच जीत रहा है और कौन मैच हार रहा है।
4. समोसा भी इस्लाम के खिलाफ
जो भारत का सबसे पुराना स्नैक्स है समोसा, उस को भी सोमालिया में बैन कर दिया गया था, क्योंकि साल 2011 में सोमालिया पर कब्जा करने वाले आतंकी संगठन अलशबाब ने लोकप्रिय स्नैक्स समोसे के खिलाफ फतवा निकाला था। इसमें कहा गया कि इस्लाम में समोसा खाना हराम है। अलशबाब ने तीन तरफा समोसा की तुलना ईसाई होली ट्रिनिट्रि के प्रतीक से की थी।
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5. सेक्स के लिए बदन के सारे कपड़े निकाल देना तलाक के बराबर
2006 में, शरिया या इस्लामी कानून अल-अजहर विश्वविद्यालय के संकाय के पूर्व डी नरशदहसन खलील ने एक फतवा जारी कर दिया था कि नग्न होने पर यौन संभोग में शामिल होने वालों का विवाह अमान्य करार दे दिया जाएगा। इस लिए कोई भी कपल सेक्स करने के लिए अपने बदन से सारे कपड़े नहीं निकाल सकता।
6. कुर्सी पर न बैठें मुस्लिम महिलाएं
साल 2014 में आतंकवादी संगठन आईएसआईएस ने एक फतवा जारी किया था। उसने महिलाओं के कुर्सी पर बैठने को लेकर फतवा जारी किया था। उसने कहा कि महिलाओं को कुर्सी पर नहीं बैठना चाहिए क्यों कि महिलाएं जब इस तरीके से मूव करती हैं तो ये मर्दों को उत्तेजित करता है।
7. कद्दू है हिंदू और टमाटर इसाई
इन फतवों ने तो सब्जियों को भी नहीं छोड़ा, मिस्र के इस्लामिक एसोसिएशन ने सब्जियों को भी धर्म में बांट दिया था। इस फतवे के जरिए सलाफी शेख ने टमाटर को ईसाई धर्म का बताया था। इसमें कहा गया कि टमाटर के दो हिस्से काटने पर उस में क्रॉस की तरह आकृति दिखती है, जो मुसलमानों के लिए सही नहीं है। इसके बाद ककड़ी और केले को लेकर भी फतवा जारी किया और सलाह दी किसी फल को सिर्फ हिंदू धर्म के लोग ही खाएं।
8. भूखा पति अपनी बीवी को काट कर खा सकता है
इन फतवों में निर्दयता भी कूट कूट कर भरी है। सऊदी अरब के शाही इमाम मुफ्ती शेख अब्दुल अजीज ने एक ऐसा फतवा जारी किया था, जिस से उन्हें काफी आलोचनाओं का शिकार होना पड़ा था। उन्होंने फतवा दिया कि अगर कोई शौहर भूखा है तो वो भूखमिटाने के लिए अपनी पत्नी के अंगों को काट कर खा सकता है। अगर पत्नी का शरीर पति की भूख मिटा सकता है, तो उस पत्नी के लिए गौरव की बात होती है।
9. फुटबॉल मैच देखने पर लगाया प्रतिबंध
2015 में एक सऊदी अरब में एक मौलाना ने महिलाओं के फुटबॉल मैच देखने के खिलाफ फतवा जारी कर दिया। उसका कहना था कि महिलाएं फुटबॉल मैच नहीं बल्कि फुटबॉल खिलाड़ियों की नंगी टांगे देखते हैं।
देश दुनिया में लगाए जाने वाले तमाम फतवे चर्चा का विषय बन जाते हैं। कई बार यह फतवे बने बनाए दायरे को तोड़ते हुए अजीबो-गरीब श्रेणी में दाखिल हो जाते हैं। ऐसे ही कुछ फतवों के बारे में आज बताने जा रहे हैं। जिन्हें जानने के बाद आप हैरान भी हो सकते हैं।
11. बिना कपड़ों के शारीरिक संबंध बनाने पर शादी अमान्य
मिस्त्र की अजहर यूनिवर्सिटी के एक प्रोफेसर ने साल 2006 में अजीब तरह का फतवा जारी कर दिया।फतवे के मुताबिक यदि शारीरिक संबंध बनाते वक्त सारे कपड़े उतार दिए तो शादी अमान्य मानी जाएगी। इस पर बहस भी शुरू हो गई तो इस का जमकर मजाक भी उड़ाया जाना शुरू हो गया।
12. पोकमॉन पर फतवा
सऊदी अरब के मुफ्ती अब्दुल अजीज बिन अब्दुल्ला अल-शेख ने साल 2016 में मुस्लिम अभिभावकों को आगाह करते हुए पोकेमॉन के खिलाफ फतवा जारी कर दिया। शेख के मुताबिक धर्म की रक्षा के लिए जरूरी है कि अभिभावक अपने बच्चों को पोकेमॉन टीवी कार्यक्रम, गेम और कार्ड से दूर रखें।
13. शतरंज पर भी फतवा
सउदी अरब के ही एक शेख ने शतरंज के खिलाफ ही फतवा जारी कर दिया। फतवे के मुताहिक शतरंज खेलना इस्लाम धर्म के खिलाफ है।
14. कुर्सी पर फतवा
साल 2014 में आतंकी संगठन आईएसआईएस ने महिलाओं के खिलाफ फतवा जारी कर दिया। फतवे के मुताबिक महिलाओं को कुर्सी पर नहीं बैठना चाहिए, इससे उन्हें यौन उत्तेजना हो सकती है।
15. महिलाएं अपने पुरुष साथियों को कराए ब्रेस्ट फीडिंग
मिस्त्र की अलअजहर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ अजात अतिया ने साल 2007 में एक ऐसा फतवा जारी किया जिसे सुन कर हर शख्स चौंक गया। डॉ अतिया ने फतवा जारी करते हुए कहा कि दफ्तर में काम करने वाली महिलाओं को अपने पुरुष सहकर्मियों को कम से कम पांच बार ब्रेस्ट फीडिंग करानी चाहिए। इसके पीछे उन का तर्क था कि ऐसा करने से साथियों के बीच में एक तरह का पारिवारिक संबंध स्थापित होता है। यदि महिलाएं ऐसा करती हैं तो उन्हें दफ्तर में पुरुषों के साथ अकेले काम करने की अनुमति दी जाएगी।